8th Pay Commission: 2025 में आएगा नया वेतन आदेश? 2 करोड़ कर्मचारियों को राहत

Published On: July 29, 2025
8th Pay Commission Upadate

केन्द्रीय कर्मचारियों का वेतन और उनके भत्ते देश भर में कई परिवारों के लिए महत्वपूर्ण हैं। जब भी वेतन आयोग से जुड़ी कोई खबर आती है, तो इसका सीधा असर लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों पर पड़ता है।

हाल ही में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर सरकार की तरफ से बड़ा फैसला आया है, जिससे सभी सरकारी कर्मचारियों के बीच हलचल है। हर कर्मचारी अपनी सैलरी, पेंशन और अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी की आस में रहता है, खासकर जब नया वेतन आयोग गठन की चर्चा हो।

लंबे समय से कर्मचारियों की मांग है कि सरकार नया वेतन आयोग घोषित करे, क्योंकि पिछला 7वां वेतन आयोग काफी सालों पहले लागू हुआ था। कर्मचारियों के संगठन इसका समर्थन करते रहे हैं और सरकार तक अपनी मांग पहुंचाते रहे हैं। इस संदर्भ में 8वें वेतन आयोग का बड़ा फैसला लाखों लोगों के लिए राहत और उत्सुकता दोनों लेकर आया है।

8th Pay Commission

8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों के लिए है, जिन्हें सालाना वेतन संशोधन और भत्तों में बढ़ोतरी का लाभ मिलता है। वेतन आयोग हर 10 साल पर लागू होता है और इसका मकसद कर्मचारियों को महंगाई के हिसाब से न्यायोचित वेतन देना है।

सरकार ने हाल ही में स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल उसका 8वां वेतन आयोग गठित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है, यानी करीब भविष्य में केंद्र सरकार की ओर से नए आयोग को लेकर योजना नहीं बनाई गई है। इस फैसले का मतलब है कि मौजूदा वेतन और भत्ते अभी 7वें वेतन आयोग के हिसाब से ही रहेंगे।

कर्मचारी संगठन इस पर असंतोष जता रहे हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि फिलहाल मौजूदा ढांचे में ही कर्मचारियों का ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत मिलने वाले डीए (मंहगाई भत्ता), एचआरए (मकान किराया भत्ता) और अन्य लाभ यथावत मिलते रहेंगे।

किसे मिलेगा क्या?

सातवें वेतन आयोग के तहत फिलहाल 50 लाख से ज्यादा केंद्र सरकार के कर्मचारी और 60 लाख से अधिक पेंशनर्स आते हैं। इन सभी को साल में दो बार महंगाई भत्ता (DA) रिवाइज किया जाता है, जिससे उनकी आय में कुछ बढ़ोतरी होती रहती है।

8वें वेतन आयोग के टलने से कर्मचारी वर्ग को मौजूदा बेनिफिट पर ही संतोष करना होगा। पेंशनर्स को भी नए कमिशन के न लागू होने से कोई अतिरिक्त लाभ फिलहाल नहीं मिलेगा। इसके साथ ही, ऐसे कर्मचारियों और पेंशनर्स को हर साल मिलने वाली इनक्रीमेंट और प्रमोशन की व्यवस्था वैसे ही चलती रहेगी।

अगर भविष्य में 8वां वेतन आयोग बनता है, तो उसी के मुताबिक उनका वेतन और पेंशन फिर से तय होगी। आउटकम यह है कि जब तक नया वेतन आयोग लागू नहीं किया जाता, तब तक कर्मचारियों को केवल मौजूदा DA-HRA एवं अन्य सिफारिशों के तहत ही भुगतान मिलेगा।

मांग और सरकारी पक्ष

कर्मचारी संगठन लगातार मांग कर रहे थे कि 8वां वेतन आयोग लागू किया जाए ताकि वेतन में महंगाई के हिसाब से उचित वृद्धि हो सके। दूसरी ओर, सरकार पर दबाव आर्थिक स्थिति को भी देखते हुए होता है कि वेतन व पेंशन में इतनी बड़ी बढ़ोतरी आसान नहीं है।

सरकार की दलील थी कि फिलहाल 7वें वेतन आयोग के लाभ पर्याप्त हैं और मौजूदा व्यवस्था कर्मचारियों की जरूरतों को पूरा करती है।

किस तरह लागू होता है नया वेतन आयोग?

अगर कोई नया वेतन आयोग बनता, तो इसके लिए केंद्र सरकार समिति गठित करती। समिति अपनी रिपोर्ट बनाती जिसमें वेतन, भत्ता, पेंशन आदि से जुड़े सुझाव होते हैं। उसके बाद सरकार इन सिफारिशों को मंजूरी देती और नया वेतन ढांचा लागू होता। इसका सीधा लाभ केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलता है।

निष्कर्ष

सरकार के ताजा फैसले से फिलहाल 8वें वेतन आयोग की संभावना खत्म हो गई है। सभी कर्मचारी मौजूदा भत्तों और वेतन पर ही निर्भर रहेंगे। कर्मचारियों की राहत का मुद्दा फिर भी अटका हुआ महसूस होता है, लेकिन जैसे ही भविष्य में कोई नया अपडेट आएगा, उम्मीदें फिर से जागेंगी।

जब तक नया कमीशन नहीं बनता, तब तक सभी को 7वें वेतन आयोग के हिसाब से ही संतोष करना होगा।

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