Kanya Sumangala Yojana 2025: 2 बेटियां और ₹25000 का बोनस – फॉर्म भरें सिर्फ 5 मिनट में

Published On: July 23, 2025
Kanya Sumangala Yojana 2025

देश में बेटियों के सशक्तिकरण और उज्ज्वल भविष्य के लिए सरकार लगातार नई योजनाएं लेकर आ रही है। इन्हीं में से एक है उत्तर प्रदेश सरकार की कन्या सुमंगला योजना 2025, जिसने गरीब और जरूरतमंद परिवारों को बड़ी राहत दी है।

समाज में आज भी कई जगह बेटियों को बोझ समझा जाता है, लेकिन इस योजना की मदद से अब शिक्षा और पोषण में बेटियों को बराबरी का मौका मिल रहा है।

कन्या सुमंगला योजना का उद्देश्य है कि हर बेटी को जन्म से लेकर उसकी पढ़ाई के हर अहम पड़ाव पर आर्थिक सहयोग मिले। इससे ना सिर्फ परिवारों को सहारा मिलता है, बल्कि बेटियों में आत्मविश्वास भी बढ़ता है। डिजिटल इंडिया और महिला सशक्तिकरण के युग में ऐसी योजनाएं बेटियों को नई पहचान दे रही हैं।

सरकार ने योजना की राशि बढ़ाकर अब कुल ₹25,000 कर दी है, जो छह किस्तों में दी जाती है। यह आर्थिक मदद परिवार की दो बेटियों को मिलती है। हर किस्त बेटी के बढ़ते कदमों और शिक्षा के साथ जुड़ी होती है, जिससे समाज के कमजोर वर्ग की बच्चियों को सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य मिल सके।

Kanya Sumangala Yojana 2025

कन्या सुमंगला योजना 2025 उत्तर प्रदेश सरकार की महत्त्वपूर्ण सामाजिक योजना है, जो बेटियों के जन्म, पढ़ाई और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। इसके तहत राज्य के ऐसे परिवार, जिनकी वार्षिक आय ₹3 लाख से कम है, उन्हें बेटी के हर चरण पर सहायता राशि दी जाती है।

सरकार ने योजना की कुल राशि अब ₹25,000 कर दी है, जो छह अलग-अलग किस्तों में बेटी के साथ बढ़ती जाती है। पहली किस्त बेटी के जन्म के समय मिलती है, जबकि आखिरी किस्त ग्रेजुएशन या डिप्लोमा में एडमिशन पर ट्रांसफर की जाती है।

इस योजना का मकसद बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना, बाल विवाह और भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराइयों पर रोक लगाना और परिवारों को बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच के लिए प्रेरित करना है।

योजना के तहत दी जाने वाली सहायता और लाभ

इस योजना के तहत एक परिवार की दो बेटियों को छह चरणों में कुल ₹25,000 मिलते हैं। प्रथम चरण में जन्म पर ₹5,000, एक साल की आयु और सभी टीकाकरण के पूरी होने पर ₹2,000, पहली कक्षा में दाखिले पर ₹3,000, छठी में पहुंचने पर ₹3,000, नौवीं के एडमिशन पर ₹5,000 और बारहवीं के बाद स्नातक या डिप्लोमा में दाखिला लेने पर अंतिम किस्त के रूप में ₹7,000 की सहायता दी जाती है।

हर किस्त का उद्देश्य बेटी के जीवन के खास पड़ावों पर उसे आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। सारी राशि लाभार्थी के या उसकी माता के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।

योजना के तहत न केवल शिक्षा और पोषण को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में बेटियों का सम्मान भी बढ़ता है। यह योजना बाल विवाह और बेटियों के प्रति भेदभाव रोकने में कारगर साबित हो रही है।

पात्रता शर्तें और जरूरी दस्तावेज

योजना का लाभ पाने के लिए परिवार को उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए और वार्षिक आय ₹3 लाख से अधिक न हो। एक परिवार की अधिकतम दो बेटियां (बहुत कम मामलों में तीन, अगर जुड़वां बेटियां हैं) योजना के लिए पात्र होती हैं। बेटी का जन्म 1 अप्रैल 2019 के बाद हुआ होना चाहिए।

आवेदन करते समय माता-पिता या अभिभावक का आधार कार्ड, बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर जरूरी हैं। अगर बेटी गोद ली गई है तो उसका प्रमाण पत्र भी संलग्न करना अनिवार्य है।

आवेदन की प्रक्रिया

योजना के लिए आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन है। लाभार्थी को सबसे पहले mksy.up.gov.in पोर्टल पर जाकर “नया पंजीकरण” करना होगा। सभी जरूरी जानकारी भरनी है और OTP के जरिए वेरीफिकेशन करना है। रजिस्ट्रेशन के बाद लॉगिन कर आवेदन फॉर्म भरना होगा, जिसमें मांगी गई सभी जानकारी और दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें।

आवेदन सबमिट होने पर एक रसीद या आवेदन संख्या मिलेगी, जिसे भविष्य के लिए संभाल कर रखना चाहिए। सरकार दस्तावेजों की जांच के बाद पात्र लाभार्थियों को सहायता राशि जारी कर देती है।

योजना से जुड़े खास फायदे

यह योजना बेटियों को जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक समाज में सम्मान और समान अवसर दिलाती है। आर्थिक सहायता से बेटियों की पढ़ाई, पोषण और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें पूरी होती हैं।

कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को रोकने के लिए यह एक असरदार माध्यम है। पारदर्शी एवं सरल आवेदन प्रक्रिया से जरूरतमंद परिवारों तक सहायता समय पर पहुंचती है।

निष्कर्ष

कन्या सुमंगला योजना 2025 बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और शानदार बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। यदि आपकी बेटी इन शर्तों को पूरी करती है तो तुरंत ऑनलाइन आवेदन करें और उसके बेहतर जीवन की शुरुआत करें। यह योजना न सिर्फ आर्थिक मदद देती है, बल्कि बेटियों को आत्मनिर्भर और सम्मानित नागरिक बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

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