Sahara India Refund Start: 3 करोड़ लोगों को मिलेंगे ₹10000 तक – ऐसे करें ऑनलाइन क्लेम

Published On: July 23, 2025
Sahara India Refund Start

सहारा इंडिया परिवार के लाखों निवेशकों की एक लंबे समय से एक ही आस थी – अपना जमा हुआ पैसा वापस पाने की। बीते कई सालों से निवेशकों की रकम सहारा इंडिया की विभिन्न सहकारी समितियों में अटकी हुई थी, जिससे आम लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई थी।

अब, सरकारी दखल और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आखिरकार राहत की शुरुआत हो गई है। जुलाई 2025 से सहारा इंडिया परिवार का पैसा निवेशकों को वापस मिलना शुरू हो गया है, जिससे देशभर के करोड़ों लोगों को उम्मीद की नयी किरण मिली है।

पिछले वर्षों में निवेशकों ने अपनी खूनपसीने की कमाई सहारा समूह में रोज़गार, बचत और बेहतर भविष्य के लिए लगाई थी। लेकिन कंपनी के विवाद और कानूनी पचड़ों के चलते यह रकम फँस गई थी। इस खबर के आते ही कि अब सरकार द्वारा संचालित पोर्टल के माध्यम से भुगतान शुरू हो गए हैं, लोगों में उत्साह और भरोसा लौटा है।

यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रखी गई है और हर लाभार्थी को उनके अधिकार का पैसा लौटाने की कोशिश हो रही है.

Sahara India Refund Start

यह योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य सहारा इंडिया की चार मुख्य सहकारी समितियों – सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायण यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड – में फंसे निवेशकों का पैसा लौटाना है।

इस स्कीम के तहत, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ‘सहारा-SEBI रिफंड अकाउंट’ से शुरुआती तौर पर 5,000 करोड़ रुपए जारी किए, ताकि सत्यापित निवेशकों का पैसा वापस किया जा सके.

योजना का क्रियान्वयन पूरी तरह से ऑनलाइन किया गया है। इसके लिए सरकार ने एक पोर्टल (CRCS-Sahara Refund Portal) लॉन्च किया है, जहां निवेशकों को आवेदन करना है। सरकार का उद्देश्य है कि सही पहचान और दस्तावेज के साथ पात्र निवेशकों को चरणबद्ध तरीके से उनका पैसा लौटाया जाए।

फिलहाल एक निवेशक को अधिकतम ₹10,000 से ₹25,000 तक का रिफंड एक बार में मिल रहा है, और भविष्य में लिमिट बढ़ने की संभावना है.

कौन हैं पात्र निवेशक?

सहारा इंडिया रिफंड स्कीम का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनका पैसा उपरोक्त चार सहकारी समितियों में निवेश हुआ था। निवेशकों के पास उनकी जमा राशि से संबंधित दस्तावेज, सदस्यता संख्या, पासबुक या रसीद और सही पहचान प्रमाण होना अनिवार्य है।

आधार कार्ड, आधार-लिंक्ड मोबाइल नंबर और बैंक खाता भी होना चाहिए, ताकि सारी प्रक्रिया सुरक्षित और पारदर्शी रहे। जिन निवेशकों के दावे और दस्तावेज सफलतापूर्वक सत्यापित हो जाते हैं, उन्हें सीधा उनके बैंक खाते में पैसा भेजा जा रहा है.

आवेदन प्रक्रिया कैसे करें?

रिफंड के लिए आवेदन करने के लिए निवेशकों को सबसे पहले CRCS-Sahara Refund Portal पर जाना होगा। वहाँ ‘Depositor Registration’ टैब में अपना आधार से लिंक मोबाइल नंबर और आधार नंबर दर्ज करके ओटीपी के माध्यम से पंजीकरण करें.

इसके बाद लॉगिन करके व्यक्तिगत जानकारी, निवेश का विवरण, बैंक खाते की जानकारी और सभी आवश्यक दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करें. निवेशक अपना दावा पूर्ण करने के बाद डाउनलोड किए गए फॉर्म पर फोटो और हस्ताक्षर लगाएंगे और फिर स्कैन करके अपलोड करेंगे।

पूरा आवेदन सबमिट होने के 45 दिन के भीतर, सत्यापित दावेदारों के खाते में सीधा पैसा भेजा जाता है। आवेदन की स्थिति जानने के लिए वही पोर्टल या एसएमएस सुविधा उपलब्ध है.

कितना मिलेगा पैसा और कब तक मिलेगा?

सरकारी आदेशों के अनुसार, फिलहाल एक निवेशक को अधिकतम ₹10,000 से ₹25,000 तक की पहली किस्त वापस दी जा रही है. कुल 1 करोड़ निवेशकों कोसरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से रिफंड देने का लक्ष्य है।

भविष्य में, दावा और दस्तावेज सत्यापन के आधार पर और अधिक राशि भी लौटाई जा सकती है. अब तक लगभग 2,314 करोड़ रुपए, 12,97,111 निवेशकों को जारी किए जा चुके हैं और यह प्रक्रिया जारी है.

जरूरी बातें और दस्तावेज

  • सिर्फ उन्हीं निवेशकों को रिफंड मिलेगा जिनके पास सही दस्तावेज और निवेश का प्रमाण है।
  • आधार कार्ड, बैंक पासबुक, सदस्यता संख्या व जमा की रसीद जरूरी है।
  • निवेशकर्ता की बैंक डिटेल्स आधार कार्ड से लिंक होनी चाहिए।
  • कोई आवेदन अस्वीकृत हुआ तो रि-सबमिशन (दुपारा दावा कर सकते हैं) की सुविधा भी पोर्टल में है.

निष्कर्ष

सहारा इंडिया रिफंड योजना ने लंबे समय से परेशान निवेशकों को बड़ी राहत दी है। सरकार द्वारा स्थापित पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया से अब लोगों को पैसा मिलना शुरू हो गया है।

यदि आपने भी सहारा समूह की समितियों में पैसा लगाया है, तो आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें और पोर्टल पर आवेदन करें। यह पहल सिर्फ आर्थिक भरोसा ही नहीं, बल्कि जनता के विश्वास की वापसी भी है.

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