देशभर में सहारा इंडिया में निवेश करने वाले करोड़ों लोगों के लिए अब एक राहत भरी खबर सामने आई है। कई वर्षों से अपने पैसों के वापस मिलने का इंतजार कर रहे निवेशकों को आखिरकार उनके धन की वापसी का रास्ता दिखने लगा है।
सरकार और अदालत के निर्देश के बाद सहारा इंडिया के निवेशकों की नई पेमेंट लिस्ट जारी हो गई है, जिससे हजारों परिवारों को उम्मीद की नई किरण मिली है।
कोरोना काल से पहले और उसके बाद, सहारा इंडिया से जुड़े जमाकर्ता लगातार अपने पैसे की वापसी की मांग कर रहे थे। इस मुद्दे को लेकर कोर्ट में कई सालों से कानूनी लड़ाई चल रही थी। अब सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिससे पहले चरण में कई निवेशकों के खाते में पैसा ट्रांसफर होना शुरू हो गया है।
Sahara India Refund
सहारा इंडिया रिफंड योजना केंद्र सरकार की तरफ से चलाई जा रही है, ताकि सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, सहारायण यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड जैसी सहारा की चार सहकारी संस्थाओं में फंसे निवेशकों को उनका पैसा लौटाया जा सके।
इसी उद्देश्य के लिए सरकार ने CRCS सहारा रिफंड पोर्टल (https://mocrefund.crcs.gov.in) लॉन्च किया है, जहां पात्र निवेशक ऑनलाइन रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जिन निवेशकों की मियाद पूरी हो चुकी है और आवेदन सही पाए गए हैं, उन्हें पहले चरण में 10,000 से 50,000रु तक की राशि सीधे उनके आधार-लिंक्ड बैंक खाते में भेजी जा रही है।
किसे मिलेगा पैसा और कैसे देखें लिस्ट?
हाल ही में जारी आदेश के अनुसार वेही निवेशक पात्र माने जाएंगे, जिन्होंने सहारा इंडिया की चार मान्यता प्राप्त सहकारी समितियों में निर्धारित अवधि से पहले निवेश किया था और उनका निवेश मैच्योर हो चुका है। सरकार ने जुलाई 2025 में नई रिफंड लिस्ट भी जारी की है।
इस लिस्ट के जरिए आप अपना नाम ऑनलाइन चेक कर सकते हैं और यदि नाम शामिल है तो पोर्टल पर लॉगइन करके रिफंड का स्टेटस देख सकते हैं। हर निवेशक को आवेदन के 45 दिन के भीतर पैसा मिलना शुरू हो गया है। वे लोग जिनके दस्तावेज या केवाईसी में कमी पाई गई थी, अब दोबारा सुधार कर ऑनलाइन आवेदन दाखिल कर सकते हैं।
नई प्रक्रिया में निवेशक को आधार नम्बर, मोबाइल नम्बर, पैन कार्ड, पासबुक, रसीद जैसी डिटेल्स अपलोड करनी होती है। कई वीडियो और सरकारी नोटिफिकेशन के अनुसार इस बार की प्रक्रिया और भी पारदर्शी और सरल रखी गई है।
सरकार की भूमिका और सुरक्षा
सरकार ने इस योजना को पूरी तरह पारदर्शी और तकनीक-आधारित बनाया है ताकि किसी तरह की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार न हो। रिफंड की राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जा रही है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है और निवेशकों को सुरक्षा का भरोसा मिला है।
पहले चरण में 10,000से 50,000रु तक की राशि लौटाई जा रही है, वहीं धीरे-धीरे अधिक राशि के निवेशकों को भी पैसा मिलना शुरू होगा।
यदि किसी निवेशक का आवेदन रिजेक्ट हो गया है, तो वह पोर्टल पर सुधारकर पुन: आवेदन कर सकता है। सरकार की योजना है कि कुछ ही महीनों में अधिकतम निवेशकों को उनका पैसा लौटा दिया जाए, ताकि भरोसा कायम रह सके।
आवेदन प्रक्रिया और दस्तावेज
रिफंड के लिए निवेशकों को कुछ जरूरी दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करने होते हैं:
- आधार कार्ड और आधार-सीडेड बैंक खाता।
- सहारा में निवेश से संबंधित पासबुक, रसीद या बॉन्ड की डिजिटल कॉपी।
- मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी।
- पैन कार्ड (यदि जरूरी हो)।
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद आवेदन की स्थिति ट्रैक की जा सकती है। अगर पर्याप्त दस्तावेज या जानकारी नहीं है, तो आवेदन रिजेक्ट भी हो सकता है, लेकिन पोर्टल पर सुधारकर फिर से जमा किया जा सकता है।
निष्कर्ष
अंत में, सहारा इंडिया रिफंड योजना से करोड़ों निवेशकों को आखिरकार राहत मिलने लगी है। नए आदेश और सूची जारी होने के बाद पैसा खाते में पहुंचना शुरू हो गया है। सरकार द्वारा बनाई गई पारदर्शी प्रक्रिया से अब पैसा वापस मिलने में आसानी हो रही है। उम्मीद है बाकी सभी योग्य निवेशकों को भी जल्द उनका पैसा मिलेगा और लंबे इंतजार का अंत होगा।