देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन पारंपरिक रूप से आजीविका का एक सशक्त माध्यम रहा है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चलाई हैं, जिससे न सिर्फ छोटे किसानों की आय बढ़ सके, बल्कि वे खुद भी उद्यमिता की राह पर आगे बढ़ सकें।
2025 में सरकार ने “बकरी पालन फार्म योजना” की शुरुआत की है, जिसका सीधा लाभ कम आय वर्ग के किसानों, महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को मिल रहा है। बढ़ती महंगाई और सीमित रोजगार विकल्पों के बीच गांवों में बकरी पालन आसान, कम लागत और लाभकारी व्यवसाय बनकर उभरा है।
यही कारण है कि सरकार ने इस क्षेत्र को महत्व देते हुए किसानों को बकरी खरीदने, शेड निर्माण, चारे और दवाई खर्च के लिए वित्तीय सहायता देने का प्रावधान किया है। यह योजना विशेष रूप से उन राज्यों में ज्यादा लोकप्रिय हो रही है, जहां पशुपालन ग्रामीण आजीविका का मुख्य हिस्सा है।
इस पहल का मकसद न सिर्फ स्वरोजगार के अवसर पैदा करना है, बल्कि देश में दुग्ध, मीट और कृषि आधारित उत्पादन को भी बढ़ावा देना है। बकरी पालन योजना में आवेदन की प्रक्रिया बहुत ही सरल और पारदर्शी रखी गई है, जिससे अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
Bakri Palan Yojana 2025
बकरी पालन फार्म योजना 2025 के तहत सरकार बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने वाले इच्छुक लोगों को नगद सब्सिडी, कम ब्याज पर ऋण और टेक्निकल ट्रेनिंग की सुविधा देती है। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिला और भूतपूर्व सैनिकों को अतिरिक्त प्राथमिकता दी जाती है।
योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थी को बकरियों की खरीदी, फार्म निर्माण, बाड़ा तैयार करने, दवा-टीकाकरण, बीमा और चारे के लिए आर्थिक सहायता मिलती है। कई राज्यों में 10 बकरी + 1 बकरा (एक यूनिट) की लागत का लगभग 35% तक अनुदान सीधा लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर किया जाता है।
महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए सब्सिडी दर 50% तक हो सकती है। कृषि और पशुपालन विभाग की देखरेख में श्रेणीवार लाभार्थियों का चयन किया जाता है। आवेदक को ट्रेनिंग और सलाह भी दी जाती है, ताकि वे व्यवसाय को सही ढंग से शुरू करें और भविष्य में सफल पशुपालक बनें।
पात्रता और जरूरी शर्तें
योजना का लाभ उठाने के लिए भारत का स्थायी नागरिक होना चाहिए। आयु आमतौर पर 18 से 55 साल के बीच होनी चाहिए। आवेदक के पास जमीन या कम से कम पशु रखने लायक स्थान होना चाहिए। पूर्व में बकरी पालन योजना का लाभ न लिया गया हो।
बैंकों और सहकारी समितियों के माध्यम से लोन स्वीकृति और सब्सिडी का भुगतान किया जाता है। लाभार्थी को ट्रेनिंग के लिए विभाग द्वारा बुलाया जा सकता है और उसको प्रमाण-पत्र भी दिया जाता है।
आवेदन की प्रक्रिया
योजना की ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों प्रकार की आवेदन प्रणाली उपलब्ध है। इच्छुक उम्मीदवार अपने जिले के पशुपालन विभाग, ग्रामीण सचिवालय या ब्लॉक लेवल पशुपालन अधिकारी के पास आवेदन फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं।
फॉर्म में नाम, पता, आधार कार्ड नंबर, श्रेणी (सामान्य/पिछड़ा/अनुसूचित जाति/महिला/विकलांग आदि), जमीन अथवा शेड की स्थिति, बैंक खाता विवरण और मोबाईल नंबर जैसी जानकारी भरनी होती है। आधार, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक पासबुक की कॉपी और अनुभव प्रमाण पत्र (यदि हो) संलग्न करना जरूरी है।
आवेदन पत्र जमा करने के बाद विभागीय जांच होती है। पात्र पाए जाने पर बैंक और पशुपालन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा फाइनल स्वीकृति मिलती है। सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
योजना के अन्य लाभ और रखरखाव
सरकार योजना में प्रशिक्षण कार्यक्रम, नि:शुल्क टीकाकरण, पशु बीमा, स्वास्थ्य देखभाल, बाजार लिंक और तकनीकी सलाह भी देती है। कई राज्यों में शुरुआती छः माह तक पशु चिकित्सक द्वारा फार्म की नियमित निगरानी की जाती है।
बकरी पालन फार्म खोलने के लिए किस्मत, नस्ल का चुनाव, चारे की उपलब्धता, पानी और स्वच्छता पर भी ध्यान दिया जाता है। लाभार्थियों को अपना व्यवसाय रजिस्टर करवाना, समय-समय पर विभागीय सर्वे में हिस्सा लेना, और दी गई ट्रेनिंग का पूरी तरह पालन करना पड़ता है।
निष्कर्ष
बकरी पालन फार्म योजना 2025 ग्रामीण युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और रोजगार का एक सुनहरा अवसर है। इससे कम लागत में स्थायी आमदनी होती है। पात्र नागरिक इस योजना में आवेदन कर सकते हैं और सरकारी लाभ के साथ अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
समझदारी और योजना की पूरी जानकारी हासिल कर सही दिशा में कदम बढ़ाने पर बकरी पालन निश्चित ही एक सफल स्वरोजगार बन सकता है।