सरकार हमेशा से देश के कामकाजी वर्ग की भलाई के लिए नई योजनाएं लाती रही है। खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी जिंदगी की कमाई का बड़ा हिस्सा आने वाले भविष्य के लिए सुरक्षित रखना चाहते हैं।
ऐसे ही लोगों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 2025 में एक नई स्कीम शुरू करने का फैसला किया है, जिससे कम अनुभव वाले कर्मचारियों को भी पक्की पेंशन का लाभ मिल सकेगा।
अकसर ऐसा होता है कि लोगों को नौकरी के शुरुआती सालों में पेंशन की चिंता सताती है, मगर कम अनुभव और कम सर्विस के कारण वे इस सुविधा से वंचित रह जाते हैं। EPFO की यह नई योजना उनके लिए बड़ी राहत सिद्ध हो सकती है। अब कम अवधि की नौकरी के बाद भी उन्हें भविष्य में पेंशन का हक़ मिलेगा।
इससे उन वर्कर्स को खास फायदा होगा जो छोटी या प्राइवेट कंपनियों में काम करते हैं और बार-बार नौकरियाँ बदलते हैं। कई बार अनुभव की कमी होने के कारण उन्हें स्थायी भविष्य निधि का लाभ नहीं मिल पाता है। नई व्यवस्था से ऐसे कर्मचारियों को भी सामाजिक सुरक्षा मिलेगी और उनका बुढ़ापा सुरक्षित रहेगा।
EPFO Pension Scheme
EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन भारत सरकार का एक बड़ा सामाजिक सुरक्षा का पिलर है। EPFO के तहत कर्मचारियों के वेतन से एक निश्चित धनराशि हर महीने जमा होती है, जिसे रिटायरमेंट या अन्य आपात स्थिति में कर्मचारी या उनके परिवार को दिया जाता है।
पुरानी नियमावली के तहत पक्की पेंशन पाने के लिए आम तौर पर कम-से-कम 10 साल का EPFO सदस्य रहना जरूरी था।
2025 में शुरू हो रही नई योजना के तहत अब यह सीमा घटाकर 3 साल कर दी जाएगी। यानी अगर कोई कर्मचारी सिर्फ 3 साल भी EPFO का सदस्य रहा है, तो उसे भी पक्की पेंशन का लाभ मिलेगा।
सरकार का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा ब्लू कॉलर वर्कर्स, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, और बार-बार कंपनी बदलने वालों को भी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस नई नीति से ज्यादातर फर्म, स्टार्टअप, और छोटे कारोबारियों के कर्मचारी भी लाभ उठा सकेंगे। इस योजना के अंतर्गत सरकार और नियोजक दोनों की ओर से योगदान किया जाएगा। कर्मचारियों के लिए एक निर्धारित राशि हर महीने उनके EPF खाते में जमा की जाती है, जिसमें कंपनी भी अपना हिस्सा शामिल करती है।
योजना के प्रमुख फायदे
नई योजना के तहत कम समय के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को भी पक्की पेंशन मिलेगी। अब 10 साल की जगह केवल 3 साल की नौकरी के बाद भी आप पेंशन के पात्र बन सकते हैं। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनकी नौकरी स्थिर नहीं है या जो विभिन्न कंपनियों में कम अवधि के लिए काम करते हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इससे करोड़ों कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सहारा मिलेगा। जिन लोगों की उम्र 58 साल पूरी हो चुकी होगी, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इससे नौकरीपेशा लोगों में सरकारी योजनाओं के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा और वे सामाजिक सुरक्षा को लेकर अधिक जागरूक होंगे।
कौन ले सकता है लाभ
इसी EPFO की नया नियम उन सभी कर्मचारियों पर लागू होगा जो PF खाते में योगदान करते हैं। इन कर्मचारियों की मासिक तनख्वाह 15,000 रुपए तक हो सकती है। अगर कर्मचारी ने अलग-अलग कंपनियों में काम किया है, तब भी उनकी कुल सदस्यता अवधि अगर 3 साल से ऊपर है तो वे लाभ के पात्र हैं।
पेंशन पाने के लिए कर्मचारी को 58 साल की उम्र पूरी करनी होगी या 50 साल की उम्र के बाद कम पेंशन का विकल्प मिल सकता है।
पेंशन के लिए आवेदन की प्रक्रिया
पेंशन के लिए आवेदन करना बेहद आसान है। कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय EPFO पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, सर्विस सर्टिफिकेट इत्यादि।
EPFO वेरिफिकेशन के बाद पेंशन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी और पैसे सीधे कर्मचारी के खाते में हर महीने आना शुरू हो जाएंगे।
सरकार और कंपनियों की भूमिका
इस योजना में सरकार और कंपनियां दोनों बराबर की भूमिका निभाती हैं। कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का एक हिस्सा EPFO फंड में जाता है। कंपनियां भी अपनी ओर से योगदान देती हैं।
सरकार जैसी जिम्मेदार संस्थाएं समय समय पर मॉनिटरिंग करती रहती हैं, जिससे योजना पारदर्शी और सुरक्षित रखी जा सके। इसका मुख्य मकसद कामकाजी लोगों के बुढ़ापे को आर्थिक चिंता से मुक्त बनाना है।
निष्कर्ष
EPFO की यह नई पेंशन योजना 2025 से कम अनुभव वाले कर्मचारियों के लिए नए अवसर खोल रही है। इससे अस्थिर रोजगार वाले भी अब नौकरी के बाद वित्तीय रूप से सुरक्षित महसूस करेंगे। सरकार के इस फैसले से करोड़ों लोगों को सम्मान के साथ बुढ़ापा बिताने की आशा मिलेगी।