सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन हमेशा से आर्थिक सुरक्षा का सबसे बड़ा आधार रही है। खासतौर पर रिटायरमेंट के बाद जीवनयापन और परिवार की स्थिरता के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को बेहद अहम माना जाता है।
कई राज्यों में नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद कर्मचारियों की मांगों और आंदोलनों के चलते सरकारों ने हाल ही में ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने का निर्णय लिया है। इससे लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों को भविष्य के प्रति नई उम्मीद और राहत मिली है।
नई पेंशन स्कीम (NPS) की तुलना में ओल्ड पेंशन स्कीम में निश्चित राशि की गारंटी, परिवार पेंशन और अधिकारिक रिटायरमेंट लाभ जैसी कई खासियतें हैं।
अब नई सरकारी घोषणाओं में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अंतिम वेतन का 50% तक पेंशन देने की संभावना पर विचार हो रहा है। आइए जानते हैं ओल्ड पेंशन स्कीम के नए नियम, गारंटी, पात्रता और लाभ का पूरा विवरण।
Old Pension Scheme 2025
ओल्ड पेंशन स्कीम यानी ‘Defined Benefit Pension Scheme’ 2004 तक केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू थी। इसमें रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को उसके अंतिम मूल वेतन व महंगाई भत्ते का 50% आजीवन पेंशन के रूप में मिलता है।
नई पेंशन स्कीम (NPS) से फर्क यह है कि OPS में हर माह मिलने वाली राशि फिक्स रहती है, NPS में मार्केट पर निर्भर निवेश के जरिए राशि बदलती रहती है।
2025 में ओल्ड पेंशन स्कीम फिर से चर्चा में आ गई है, क्योंकि राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड व हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों ने घोषणा की कि सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद फिर पुरानी स्कीम का लाभ मिलेगा।
केंद्र सरकार ने भी नया रोडमैप तैयार करने और 50% पेंशन की गारंटी जैसे प्रावधानों की समीक्षा शुरू की है। अब नई नीति के तहत, कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50% आजीवन पेंशन देने की व्यवस्था पर जोर है – इससे रिटायर्ड कर्मचारियों की वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी।
किसे मिलेगा ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ?
ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ उन्हीं कर्मचारियों को मिलता है, जिन्होंने 1 जनवरी 2004 से पहले सरकारी नौकरी जॉइन की थी। 2025 में, उन राज्यों में जहां OPS बहाल हुई है, वहां NPS के अंतर्गत भर्ती हुए कर्मचारियों को भी विकल्प दिया जा रहा है कि वे OPS चुन सकते हैं, बशर्ते कुछ निर्धारित शर्तें पूरी करते हों।
पात्रता में जरूरी है कि कर्मचारी सरकारी सेवा में स्थायी नियुक्त हो, उसकी सेवा अवधि न्यूनतम 10 साल पूरी हो, और उस पर कोई गंभीर दंड प्रक्रिया लंबित न हो। ओल्ड पेंशन के तहत केवल सरकारी, अर्द्ध-सरकारी, शिक्षण व कुछ स्वायत्त निकायों के कर्मचारियों को ही लाभ मिलता है।
यदि मृत्यु या स्थाई विकलांगता सेवा के दौरान हो जाए, तो उनके आश्रित/परिवार को भी पेंशन और परिवार पेंशन का प्रावधान रहता है। इससे परिवार की आजीविका सुनिश्चित होती है।
क्या मिलेगा पेंशन स्कीम के तहत?
ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारी को अंतिम बुनियादी वेतन + महंगाई भत्ते का 50% हर माह पेंशन के तौर पर मिलता है। इसके साथ ही ग्रेच्युटी, लीव एनकैशमेंट, कम्युटेशन (एकमुश्त अग्रिम पेंशन), और पेंशन पर महंगाई राहत (DA Relief) भी लागू होती है।
हाल में जारी दिशानिर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में कर्मचारियों को निश्चित न्यूनतम पेंशन (presently ₹9,000) और अधिकतम सीमा भी तय की जाएगी। योजना में योगदान की अनिवार्यता नहीं है, यानी वेतन से कोई कटौती नहीं होती।
NPS के मुकाबले OPS में रिटायरमेंट के समय मिलने वाली राशि तय रहती है, जिससे हर माह पेंशन में किसी तरह की ग्लानि या मतिभ्रम (market risk) नहीं होता।
क्या नया बदलाव और किन राज्यों ने लागू की स्कीम?
2025 में राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड और हिमाचल प्रदेश ने OPS पूरी तरह लागू कर दी है। वहां NPS से जुड़े कर्मचारी भी OPS में शिफ्ट हो सकते हैं। उत्तराखंड, दिल्ली, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्य सरकारें भी इस व्यवस्था पर विचार कर रही हैं।
केंद्र सरकार स्तर पर एक हाई पावर कमेटी बनी है, जो 50% पेंशन के साथ-साथ न्यूनतम गारंटी व भविष्य निधि प्रबंध को दुरुस्त करने की दिशा में काम कर रही है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार भी जल्द OPS बहाली संबंधी नई घोषणा कर सकती है।
योजना का उद्देश्य और क्या बदल गया?
ओल्ड पेंशन स्कीम का उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक रूप से सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाना है। पहले NPS में कई बार बाजार और निवेश जोखिम के चलते राशि कम आती थी, अब OPS में फिक्स पेंशन गारंटी से कर्मचारियों में संतोष है।
नया नियम पेंशन और परिवार पेंशन दोनों के लिए आश्वस्त करता है कि रिटायरमेंट या मृत्यु के बाद कर्मचारी और उनके परिजनों को महंगाई में भी राहत मिलती रहेगी।
निष्कर्ष
ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली और नए 50% अंतिम वेतन की गारंटी वाला प्रावधान कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत है। इससे उनकी रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा और भविष्य की चिंता दूर होगी। राज्य सरकारों द्वारा उठाया यह कदम लाखों परिवारों के लिए वरदान है।
बेहतर भविष्य के लिए सरकार के नए सिरे से किए गए प्रयासों का लाभ उठाएं और अपने डाक्यूमेंट्स सही रखें, जिससे पेंशन में किसी प्रकार की बाधा न आए।