Palanharr Yojana 2025: अब 18 साल तक ₹2500 हर माह – अनाथ बच्चों के लिए बड़ी राहत

Published On: July 28, 2025
Palanharr Yojana 2025

आज के समय में समाज में ऐसे कई बच्चे हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया है। इन बच्चों के पास पालन-पोषण की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं होता, जिससे वे कई बार शिक्षा, पोषण और देखभाल जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हो जाते हैं।

ऐसे बच्चों के लिए सरकार ने विशेष योजना लागू की है, जिससे उन्हें आर्थिक मदद दी जा सके और उनका बेहतर भविष्य सुनिश्चित हो सके।

बिना माता-पिता वाले बच्चों का बचपन कठिनाइयों भरा होता है। वे कई बार जरूरत की चीजें भी हासिल नहीं कर पाते। सरकार की पालनहार योजना का उद्देश्य इन्हें एक सुरक्षित और खुशहाल जीवन देना है, जिससे इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। यह योजना उनके पोषण, पढ़ाई और स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताओं को कम करने में सहायक है।

सरकार का मानना है कि किसी भी बच्चे का बचपन दुखद परिस्थितियों से प्रभावित न हो। इसलिए पालनहार योजना ऐसे बच्चों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है। योजना के अंतर्गत पात्र बच्चों को हर महीने आर्थिक सहायता दी जाती है, जिससे वे ज्यादा आत्मनिर्भर बन सकें और शिक्षा प्राप्त कर सकें।

Palanharr Yojana 2025

पालनहार योजना राजस्थान सरकार की एक प्रमुख सामाजिक कल्याण योजना है, जो 2005 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य खास तौर पर ऐसे बच्चों की मदद करना है, जिनके माता-पिता नहीं हैं या जिन्हें माता-पिता का सहारा नहीं मिल पाता। इस योजना के जरिए सरकार बच्चों के भरण-पोषण के लिए हर महीने आर्थिक सहायता देती है।

योजना के तहत किसी भी ऐसे बच्चे को सहायता मिलती है, जिसके माता-पिता दोनों नहीं हैं, या जिनके माता-पिता जेल में हैं, या जो गंभीर रूप से बीमार हैं और बच्चों की देखभाल नहीं कर पा रहे। पालनहार योजना माता-पिता की जगह बच्चों की देखरेख करने वालों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, ताकि बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

इस योजना में बच्चों की पढ़ाई, कपड़े, खाना-पीना और चिकित्सकीय जरूरतों को पूरा करने के लिए रकम सीधे पालनहार (यानी बच्चे की देखभाल करने वाले गार्जियन) के खाते में भेजी जाती है। इससे बच्चे को सही माहौल मिलता है और उसकी शिक्षा-दीक्षा जारी रह सकती है।

हर महीने कितनी राशि मिलती है?

पालनहार योजना के तहत सरकार ने बिना माता-पिता के बच्चों के लिए प्रति माह ₹2,500 देने की घोषणा की है। यह मदद बच्चों की देखभाल और पालन-पोषण करने के लिए है ताकि उनकी किसी भी जरूरत को अनदेखा न किया जाए।

छोटे बच्चों (0 से 6 वर्ष तक) को भी यह राशि मिलती है, और स्कूल जाने वाले बच्चों (6 से 18 वर्ष तक) को यह राशि शिक्षा, किताबें, ड्रेस, और अन्य जरूरी सामान के लिए दी जाती है। इससे बच्चों की पढ़ाई में कोई रुकावट न आए और वे अपना भविष्य संवार सकें।

सरकार समय-समय पर इस राशि को बढ़ाकर बच्चों और पालनहार परिवारों का उत्साह बढ़ाती है। हर महीने मिलने वाली आर्थिक सहायता से पालक बच्चे के स्वास्थ्य और शिक्षा की जिम्मेदारी को सही ढंग से निभा सकते हैं।

किसे मिलता है लाभ और आवेदन कैसे करें?

इस योजना का लाभ उन बच्चों को मिलता है जो राजस्थान राज्य के निवासी हैं और जिनके माता-पिता नहीं हैं या कोई एक अभिभावक गंभीर बीमारी या जेल में है। इस योजना के लिए पालक अथवा अभिभावक ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन के लिए बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र, पालक का पहचान पत्र, फोटो, बैंक पासबुक आदि जरूरी होते हैं। आवेदन करने के बाद अधिकारी सभी दस्तावेज़ों की जांच करते हैं और पात्रता सुनिश्चित होने पर राशि वितरित की जाती है।

पालनहार कार्ड बनवाने के बाद राशि सीधे पालक के खाते में भेज दी जाती है। इस योजना की जानकारी पंचायत समिति, बाल कल्याण समिति या सरकारी वेबसाइट के माध्यम से भी मिल सकती है।

पालनहार योजना के फायदे

पालनहार योजना से हजारों बच्चों को जरुरी आर्थिक सहायता मिल रही है। बच्चा न केवल स्कूल जा सकता है, बल्कि उसे अच्छा पोषण, कपड़े और चिकित्सा सुविधा भी मिलती है।

यह योजना बच्चों को आर्थिक समस्या के कारण पढ़ाई छोड़ने से बचाती है। बच्चे आत्मनिर्भर बनते हैं और उनका जीवन स्तर बेहतर होता है। सरकार की ओर से ऐसी मदद समाज में बाल संरक्षण को मजबूती देती है।

पालनहार योजना समाज में उन बच्चों के लिए नई उम्मीद बन गई है, जिन्हें भविष्य की चिंता सताती थी। अब ये बच्चे सपने देख सकते हैं और उन्हे पूरा करने का मौका मिल रहा है।

निष्कर्ष

पालनहार योजना बिना माता-पिता के बच्चों के लिए सरकार की एक उम्दा कोशिश है। यह योजना जरुरतमंद बच्चों के लिए रक्षा कवच बन चुकी है, जिससे उनका जीवन स्तर सुधर रहा है। बच्चे शिक्षा सहित अपने जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने में समर्थ बन रहे हैं।

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