देश में करोड़ों लोग अब भी राशन कार्ड के माध्यम से सरकार की तरफ से दी जाने वाली फ्री राशन सुविधा का लाभ उठाते हैं। हाल के कुछ वर्षों में, कोविड महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना जैसी स्कीम के तहत हर जरूरतमंद परिवार को हर महीने मुफ्त अनाज मिलता रहा। इस सुविधा से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को बड़ी राहत मिली थी।
लेकिन अब सरकार ने इस मुफ्त राशन वितरण से जुड़ा एक बड़ा आदेश जारी कर दिया है। नए नियमों के बाद अधिकांश राशन कार्ड धारकों के लिए फ्री राशन योजना में बदलाव होने वाले हैं। इस वजह से देशभर के लाभार्थियों में चिंता का माहौल है कि आखिर अब राशन किसे और कितने तक मिलेगा।
Ration Card Scheme
फ्री राशन देने की सबसे बड़ी योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) थी, जिसमें करीब 80 करोड़ राशन कार्ड धारकों को हर महीने 5 किलो मुफ्त अनाज (गेहूं या चावल) मिलता था। यह सुविधा केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकारों के जरिए दी जाती थी, जिससे गरीबों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती थी।
हाल ही में जारी आदेश के अनुसार, अब सरकार फ्री राशन देने की इस व्यवस्था को समाप्त करने जा रही है या उसमें बड़ा बदलाव कर रही है। नए आदेश में साफ किया गया है कि सभी राशन कार्डधारकों को अब फ्री राशन नहीं मिलेगा।
केवल उन्हीं परिवारों को आगे फ्री राशन का लाभ मिलेगा, जो तय मानदंड पर खरे उतरेंगे या बेहद गरीब व जरूरतमंद श्रेणी में आते हैं।
सरकार ने साथ में यह भी कहा है कि जिन लोगों ने पिछले छह महीने या ज्यादा वक्त से राशन नहीं उठाया है, उनके कार्ड निष्क्रिय या रद्द किए जा सकते हैं। अधिकांश राज्यों में घर-घर जाकर ऐसी कार्डधारकों की जांच भी शुरू हो चुकी है, जिससे अपात्र लोगों को हटाया जाए और सही जरूरतमंद को ही लाभ मिले।
किस योजना से मिलता था फ्री राशन?
फ्री राशन की सुविधा मुख्य रूप से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दी गई थी, जिसकी शुरुआत महामारी के समय से हुई थी। इसमें प्रति सदस्य हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल निशुल्क मिलता था।
सामान्य समय में भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत गरीब परिवारों को सस्ते दाम पर अनाज, चीनी, दाल आदि उपलब्ध कराया जाता है।
हाल ही में केंद्र और कुछ राज्य सरकारों ने आर्थिक तंगी और इस सुविधा के दुरुपयोग को देखते हुए मुफ्त वितरण को सीमित करने का फैसला लिया है। अब जिन लोगों की सरकारी सेवाओं या आर्थिक स्थिति बेहतर है, उन्हें इस योजना से बाहर किया जा रहा है। राज्य सरकारें इस डेटा का प्रयोग कर पात्र परिवारों की नई सूची बना रही हैं।
सरकार की दलीलें और नई प्रक्रिया
सरकार का कहना है कि मुफ्त राशन का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद लोगों तक ही इसका लाभ पहुँचाना है। लेकिन पिछले कुछ महीनों या वर्षों में कई अपात्र लोग भी इसका फायदा ले रहे थे। इसी को रोकने के लिए योग्यता की दोबारा जाँच शुरू की गई है।
अब यदि किसी ने छह महीने से राशन नहीं लिया है या उसका आर्थिक स्तर नियमों के विपरीत है, उनका कार्ड रद्द हो जाएगा।
नई प्रक्रिया के तहत राशन कार्ड की eKYC कराना जरूरी है और जो कार्ड धारक इसमें असफल रहते हैं, उन्हें भी लाभ मिलना बंद हो सकता है। यह व्यवस्था पूरे देश में लागू हो रही है, जिससे सिस्टम पारदर्शी बने और सही व्यक्तियों को ही सरकारी अनाज सुविधा मिले।
कार्ड रद्द होने का डर और क्या करें?
जो परिवार लंबे समय से राशन नहीं लेते या जिनका वेरिफिकेशन या eKYC अधूरी है, उनके लिए कार्ड रद्द होने का खतरा है। इसलिए सभी लाभार्थियों को सलाह है कि वे कार्ड अपडेट कराएँ, eKYC जल्द कराएं और जरूरत के अनुसार अपना राशन उठाएँ।
खासकर जिनके मोबाइल नंबर या परिवार की डिटेल्स बदल गई हैं, वे कार्ड सुधार केंद्र पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं या ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
निष्कर्ष
सरकार के नवीन आदेश के बाद मुफ्त राशन की सुविधा केवल जरूरतमंद और पात्र परिवारों को ही मिल पाएगी। बाकी कार्डधारकों को या तो यह लाभ बंद हो जाएगा या फिर उन्हें सामान्य दर पर ही सरकारी राशन मिलेगा। इस फैसले से सिस्टम मजबूत तो होगा, लेकिन लाखों परिवारों को नियमों का ध्यान रखते हुए अपना का