सहारा इंडिया में निवेश करने वाले लाखों लोगों को कई सालों से अपने पैसे वापस मिलने का इंतजार था। अब उनके लिए राहत की खबर है कि सरकार और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सहारा इंडिया के निवेशकों के लिए रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
इस प्रक्रिया में हजारों निवेशकों के नाम रिफंड लिस्ट में शामिल किए गए हैं और उन्हें उनका पैसा सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है।
सरकार ने यह कदम उन निवेशकों के लिए उठाया है जिनकी मेहनत की कमाई सालों से सहारा की विभिन्न सहकारी समितियों में फंसी हुई थी। रिफंड का यह काम पूरी तरह से डिजिटल, पारदर्शी और सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में किया जा रहा है ताकि किसी भी किस्म की धोखाधड़ी या गड़बड़ी न हो सके।
इस खबर के बाद निवेशकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। जिन लोगों ने समय पर आवेदन किया है और जरूरी दस्तावेज दिए हैं, उनका पैसा आधार से जुड़े बैंक खाते में सीधे भेजा जा रहा है। यह पूरा अभियान देश भर के करोड़ों छोटे निवेशकों के लिए बड़ी राहत साबित हो रहा है।
Sahara India Refund 2025
यह स्कीम सहारा ग्रुप की चार बहु-राज्य सहकारी समितियों में निवेश करने वालों के लिए शुरू की गई है। ये समितियां हैं – सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (लखनऊ), सहारायण यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड (भोपाल), हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (कोलकाता) और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (हैदराबाद)।
सरकार ने निवेशकों के अधिकार की रक्षा करने और उनका पैसा लौटाने के लिए सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल के ज़रिए निवेशक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और अपने दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं। आवेदन की पूरी प्रक्रिया बिना कागजी झंझट के डिजिटल तरीके से होती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
इस स्कीम के तहत अभी प्रत्येक पात्र निवेशक को अधिकतम ₹50,000 तक का भुगतान किया जा रहा है। अगर किसी निवेशक के पास इससे ज्यादा फंसा हुआ है, तो आगे की किस्तों के लिए अगली सूचियों का इंतजार करना होगा।
किसे मिलेगा यह रिफंड?
इस रिफंड के लिए वही निवेशक पात्र हैं, जिन्होंने इन चार समितियों में पैसे जमा किए थे और जिनका पैसा अभी तक अटका हुआ है। जिस निवेशक ने रिफंड पोर्टल पर आवेदन किया है, जरूरी जानकारी व दस्तावेज दिए हैं और उनका आधार बैंक खाते से जुड़ा है, वे लिस्ट में आते हैं।
यदि आपके नाम में कोई गलती या दस्तावेज में कमी रही, तो उसे दुरुस्त करके दोबारा आवेदन करने का मौका भी दिया गया है।
रिफंड प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। कोई एजेंट या बिचौलिया इसमें पैसा लेकर मदद नहीं कर सकता। अगर किसी निवेशक की एप्लिकेशन में कोई गलती आती है, तो उसे ऑनलाइन सूचित किया जाता है, ताकि वह सुधार कर सके।
आवेदन की प्रक्रिया
- सबसे पहले सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें।
- आधार नंबर और मोबाइल नंबर से ओटीपी प्राप्त कर लॉगइन करें।
- मांगी गई जानकारी व दस्तावेज अपलोड करें (पहचान पत्र, रसीद आदि)।
- आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर उस पर फोटो और सिग्नेचर लगाएं और फिर उसे स्कैन करके पोर्टल पर अपलोड करें।
- एप्लिकेशन सफल होने पर एक एक्नॉलेजमेंट नंबर मिलता है।
- वेरिफिकेशन होने के बाद 45 दिनों के अंदर पैसा सीधे खाते में ट्रांसफर होता है।
सरकार और सुप्रीम कोर्ट की भूमिका
यह पूरी प्रक्रिया भारत सरकार के केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय और सुप्रीम कोर्ट की पैनी देखरेख में हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने ₹5,000 करोड़ की राशि सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट से लेकर निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया है। पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए अनुभवी जज और विशेषज्ञों की टीम की निगरानी में हो रही है।
रिफंड लिस्ट कैसे चेक करें?
निवेशक पोर्टल पर जाकर अपने आधार या एप्लिकेशन नंबर से अपनी स्थिति देख सकते हैं। जिन निवेशकों का नाम लिस्ट में आया है, उन्हें कुछ ही हफ्तों में रिफंड मिल जाता है। बाकी लोगों को अगली लिस्ट या वेरिफिकेशन के बाद पैसा मिलेगा।
अगर नाम छूट गया या दस्तावेज अधूरे हैं?
जिन निवेशकों की एप्लिकेशन में कमी रह गई है या कोई दस्तावेज़ सही नहीं है, उन्हें पोर्टल के माध्यम से दोबारा आवेदन और दस्तावेज सबमिट करने का अवसर दिया जा रहा है। अभी भी रिफंड सूची में नाम न आने पर निवेशक अगले फेज़ का इंतजार कर सकते हैं।
निष्कर्ष
सहारा इंडिया रिफंड योजना से लाखों लोगों को उनकी जमा पूंजी मिल रही है। सरकार की निगरानी में यह प्रक्रिया विश्वसनीय, पारदर्शी और पूरी तरह ऑनलाइन हो रही है। यदि आप पात्र हैं तो समय रहते आवेदन और जरूरी दस्तावेज़ पूरा करें, जिससे आपके पैसे की वापसी जल्द संभव हो सके।